शटरिंग प्लाईवुड का निर्माण आम तौर पर निम्नलिखित चरणों में किया जाता है:
1. विनियर की तैयारी और चयन: विनियर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी का प्रकार शटरिंग प्लाईवुड के वांछित गुणों के आधार पर भिन्न हो सकता है। लकड़ी के सामान्य प्रकारों में चिनार, नीलगिरी और बर्च शामिल हैं। लकड़ी की पतली परतें, जिन्हें विनियर कहा जाता है, लॉग से तैयार की जाती हैं। रोटरी लेथ या विनियर क्लिपर का उपयोग करके लॉग से विनियर को छीला जाता है।
2. ग्लूइंग: विनियर को वाटरप्रूफ फेनोलिक रेजिन का उपयोग करके एक साथ जोड़ा जाता है। चिपकने वाला प्रत्येक विनियर परत पर लगाया जाता है, जिसे उच्च दबाव और गर्मी के तहत एक साथ दबाया जाता है। शटरिंग प्लाईवुड में इस्तेमाल किया जाने वाला फेनोलिक रेजिन एक अत्यधिक टिकाऊ सिंथेटिक रेजिन है जो नमी के प्रति प्रतिरोधी है। इसे आम तौर पर फॉर्मलाडेहाइड के साथ तैयार किया जाता है।
3. लेयरिंग : ग्रेडेड और ग्लूड विनियर को वैकल्पिक परतों में व्यवस्थित किया जाता है, जिसमें प्रत्येक परत की दिशा आसन्न परत के लंबवत होती है। यह क्रॉस-प्लाई निर्माण प्लाईवुड की ताकत और स्थिरता को बढ़ाता है।
4. गर्म प्रेसिंग : चिपकने वाले पदार्थ (फेनोलिक रेजिन) को सेट करने व मजबूत बंधन बनाने के लिए व्यवस्थित विनियर की परतों को गर्म प्रेस में इक निर्धारित तापमान तक गरम करके ठंडा किया जाता है, इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद प्लाई का निर्माण होता है।
5. ट्रिमिंग और फिनिशिंग: गर्म प्रेसिंग के बाद प्लाईवुड को मनचाहे आकार और आकृति में ट्रिम किया जाता है। किनारे को सुरक्षात्मक फिनिश के साथ पुट्टी से लेपित किया जा सकता है, आखिर में इसके किनारो को रंग किया जाता है।
निर्माता और शटरिंग प्लाईवुड के वांछित गुणों के आधार पर विशिष्ट विनिर्माण प्रक्रिया थोड़ी भिन्न हो सकती है।
Read in English- What are the main steps involved in the production of shuttering plywood?
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